SHALINI SINGH PATEL

जेडीयू नेता शालिनी पटेल: एक नारी शक्ति की प्रेरणादायक मिसाल

बांदा/उत्तर प्रदेश।
राजनीति के बदलते दौर में जब महिलाओं की भागीदारी की बात होती है, तो शालिनी पटेल का नाम गर्व के साथ लिया जाता है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश में पार्टी की सशक्त आवाज़ बन चुकीं शालिनी पटेल न केवल महिलाओं की समस्याओं को मुखरता से उठाती हैं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर समाज सेवा और जनकल्याण में निरंतर सक्रिय रहती हैं।

नेतृत्व और संघर्ष की मिसाल
शालिनी पटेल की राजनीति किसी विरासत की देन नहीं, बल्कि ज़मीनी संघर्ष और जनता के बीच उनके लगातार जुड़ाव का परिणाम है। वह हमेशा से आम जनता की आवाज़ को उठाने, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने और गरीब व वंचित तबके के हक़ की लड़ाई में सबसे आगे रही हैं।

महिला सशक्तिकरण की पैरोकार
जेडीयू की प्रदेश स्तरीय बैठकों से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक, शालिनी पटेल ने महिलाओं को राजनीति में भागीदारी देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई अभियानों का नेतृत्व किया है। उनका मानना है कि “जब तक महिलाएं नीति निर्माण में भाग नहीं लेंगी, तब तक उनका सशक्तिकरण अधूरा रहेगा।”

अन्याय के खिलाफ बुलंद आवाज़
हाल ही में एक विवादित गिरफ्तारी प्रकरण में शालिनी पटेल को झूठे और साजिशन मुकदमे में फंसाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने निडर होकर न केवल कानूनी लड़ाई लड़ी, बल्कि यह संदेश भी दिया कि आज की नारी अन्याय के सामने झुकने वाली नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान उन्हें जनसमर्थन, राजनीतिक साथियों का विश्वास और मीडिया का समर्थन भी मिला, जिससे उनकी लोकप्रियता और मजबूत हुई।

जनता से सीधा संवाद
शालिनी पटेल की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह यह भी है कि वह जनता से सीधे संवाद करती हैं। गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुनना, महिला समूहों के साथ बैठकें करना, और युवाओं को प्रेरित करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।

भविष्य की राजनीति की उम्मीद
आज जब राजनीतिक दलों को ऐसे नेताओं की ज़रूरत है जो साफ़ छवि के हों, ज़मीनी जुड़ाव रखते हों और संघर्षशील हों, तो शालिनी पटेल एक प्रेरणादायक नाम बनकर उभर रही हैं। जेडीयू ने उत्तर प्रदेश में उन्हें आगे बढ़ाकर यह साफ संकेत दे दिया है कि पार्टी सामाजिक न्याय, महिला नेतृत्व और नारी सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।